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🏏 IPL 2025: बेंगलुरु बनाम पंजाब – जो जीतेगा वो सीधा फाइनल में!

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क्वालीफायर-1 का इतिहास, आंकड़े और IPL ट्रॉफी के करीब पहुंचने का राज़ 📅 मैच डेट: 29 मई 2025 📍 स्थान: नरेंद्र मोदी स्टेडियम, अहमदाबाद 🕖 समय: शाम 7:30 बजे 🔥 आज का महामुकाबला: ‘करो या मरो’ नहीं, बल्कि ‘सीधा फाइनल’ का टिकट! आईपीएल 2025 अपने आखिरी मोड़ पर पहुंच चुका है और आज बेंगलुरु और पंजाब के बीच होने वाला क्वालीफायर-1 इस सीज़न का सबसे बड़ा मुकाबला है। ये मैच सिर्फ सेमीफाइनल नहीं बल्कि एक फाइनल का गेटपास है। IPL के फॉर्मेट के अनुसार जो टीम क्वालीफायर-1 जीतती है, वह सीधे फाइनल में पहुंच जाती है , जबकि हारने वाली टीम को एलिमिनेटर विजेता से एक और मैच खेलना पड़ता है। 📊 IPL क्वालीफायर-1: इतिहास बोलता है – “जो जीता, वही बना चैंपियन!” एक दिलचस्प आंकड़ा ये कहता है: 2011 से 2024 तक खेले गए 14 क्वालीफायर-1 में से 11 बार जो टीम जीती, वही बन गई फाइनल की विजेता। साल क्वालीफायर-1 विजेता फाइनल विजेता नतीजा 2011 चेन्नई सुपर किंग्स चेन्नई सुपर किंग्स ✅ 2012 कोलकाता नाइट राइडर्स कोलकाता नाइट राइडर्स ✅ 2013 चेन्नई सुपर किंग्स मुंबई इंडियंस ❌ 2014 पंजाब किंग्स कोलकाता नाइट राइडर्स ❌ ...

20 साल में चीन ने कैसे दुनिया के बाजार पर कब्जा कर लिया – और भारत को अब क्या करना होगा

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📅 29 मई 2025 ✍️ By KyonYaar Team 🔗 Related Post: क्या भारत चीन को डिजिटल युद्ध में टक्कर दे सकता है? 🔴 भूमिका: बाजार पर अदृश्य कब्जा आप आज अपने टेबल पर रखें पेन, हाथ में पकड़ा मोबाइल, बालों में लगाई कंघी, या कंप्यूटर का माउस देखें — क्या आपने कभी गौर किया कि इनमें से ज़्यादातर चीज़ें चीन से आई हुई हैं? चीन ने बीते 20 सालों में धीरे-धीरे, चुपचाप , दुनिया के हर घर में घुसपैठ कर ली है — सिर्फ सैन्य ताकत से नहीं, बल्कि बटन, पेन, खिलौने, मोबाइल चार्जर और घरेलू सामान के जरिए । 🇨🇳 कैसे हुआ यह कब्जा? चीन की रणनीति क्या रही? चीन की यह आर्थिक जीत किसी संयोग का नतीजा नहीं है। यह एक सोची-समझी रणनीति थी, जो इन प्रमुख तरीकों से की गई: 1. मास प्रोडक्शन + सस्ते दाम चीन ने अपने देश में बड़े स्तर पर कारखाने लगाए और ऐसी मशीनें लगाईं जो लाखों यूनिट्स एक दिन में बना सकें। इससे उनकी यूनिट कॉस्ट घट गई और प्रोडक्ट सस्ता हो गया। 2. लॉन्ग-टर्म सब्सिडी प्लान सरकार ने छोटे उत्पादकों को सालों तक सब्सिडी दी ताकि वो वैश्विक स्तर पर टिक सकें। भारत में ऐसा समर्थन MSMEs को नहीं मिला। 3. डंपिंग नीति ...