प्रियंका गांधी का वायनाड दौरा: कांग्रेस की नई रणनीति या मजबूरी?

प्रियंका गांधी का वायनाड दौरा: कांग्रेस की नई रणनीति या मजबूरी? परिचय: प्रियंका गांधी वाड्रा का वायनाड दौरा केवल एक राजनीतिक यात्रा नहीं बल्कि कांग्रेस की एक गंभीर रणनीतिक चाल भी है। वायनाड, जो पहले राहुल गांधी का गढ़ रहा है, अब कांग्रेस के लिए न केवल दक्षिण भारत में उपस्थिति बनाए रखने का मुद्दा है बल्कि पूरे देश में पार्टी की छवि को पुनर्जीवित करने का भी प्रयास है। पृष्ठभूमि: 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी ने वायनाड से भारी मतों से जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार उनका झुकाव रायबरेली की ओर ज़्यादा दिखाई दे रहा है, जिससे वायनाड की सीट को लेकर कांग्रेस असमंजस में है। ऐसे में प्रियंका गांधी का यहां दौरा संकेत देता है कि कांग्रेस इस सीट को किसी भी हाल में नहीं छोड़ना चाहती। प्रियंका गांधी की भूमिका: स्थानीय कार्यकर्ताओं से मुलाकात और संवाद जनसभाएं और महिला मतदाताओं को लक्षित अपील पर्यावरण, विकास और स्थानीय मुद्दों पर चर्चा राजनीतिक विश्लेषण: यह दौरा कांग्रेस की 'फैमिली पॉलिटिक्स' के आलोचकों को नया मुद्दा दे सकता है वायनाड सीट पर कांग्रेस, BJP और वाम दलों के बीच त्...