रेपो रेट में 0.5% कटौती से शेयर बाजार में उछाल: जानिए कैसे बदल जाएगा आपकी जेब और निवेश का गणित
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📅 प्रकाशित तिथि: 7 जून 2025 | 🖊️ लेखक: Ashish Kudal
🔍 भूमिका
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में 0.5% की कटौती की घोषणा ने न केवल आर्थिक हलकों में हलचल मचा दी है, बल्कि शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल भी देखने को मिला है। जहां सेंसेक्स 700 अंक चढ़कर बंद हुआ, वहीं निफ्टी में भी 1% की बढ़त दर्ज की गई। यह निर्णय महंगाई और विकास के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
📊 रेपो रेट क्या होता है और इसका असर क्या पड़ता है?
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को अल्पकालिक ऋण प्रदान करता है। जब इस दर में कटौती होती है, तो बैंक सस्ते दरों पर ऋण प्राप्त कर सकते हैं, जिससे:
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होम लोन, कार लोन, और अन्य कर्ज सस्ते हो जाते हैं।
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उपभोग और निवेश को बढ़ावा मिलता है।
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बाजार में नकदी की उपलब्धता बढ़ती है।
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शेयर बाजार में सकारात्मक धारणा बनती है।
📈 शेयर बाजार में कैसा रहा असर?
RBI के इस निर्णय के तुरंत बाद बाजार में पॉजिटिव सेंटीमेंट देखने को मिला:
✅ सेंसेक्स: 700 अंकों की छलांग लगाकर बंद हुआ।
✅ निफ्टी: 1% से अधिक की मजबूती दर्ज की गई।
✅ बैंकिंग और रियल एस्टेट सेक्टर के शेयरों में सबसे अधिक तेजी रही।
✅ HDFC Bank, ICICI Bank, SBI, DLF, Godrej Properties जैसे शेयरों में 2-5% की बढ़त देखी गई।
🏦 आरबीआई का यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?
🔹 मुद्रास्फीति पर नियंत्रण:
महंगाई दर पिछले दो महीनों से नियंत्रण में है। अप्रैल में खुदरा महंगाई 4.9% रही, जो RBI के लक्ष्य (2-6%) के भीतर है।
🔹 आर्थिक मंदी से उबरने का प्रयास:
कई सेक्टर्स अभी भी पोस्ट-COVID रिकवरी से पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाए हैं। रेपो रेट घटाकर RBI ने विकास को गति देने का रास्ता साफ किया है।
🔹 MSME और रियल एस्टेट को राहत:
कम ब्याज दरों से छोटे कारोबारियों और होम लोन ग्राहकों को सीधा लाभ मिलेगा, जिससे रियल एस्टेट और MSME क्षेत्र को नई जान मिल सकती है।
🧠 निवेशकों के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए?
अब जब ब्याज दरें कम हुई हैं और बाजार में सकारात्मक माहौल बन रहा है, तो निवेशकों के लिए यह एक अच्छा मौका हो सकता है:
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बैंकिंग, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर नजर रखें।
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SIP और म्यूचुअल फंड्स में नियमित निवेश जारी रखें।
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लॉन्ग टर्म दृष्टिकोण बनाए रखें, क्योंकि यह उछाल मौलिक है, न कि सिर्फ सट्टेबाज़ी आधारित।
📉 क्या कोई जोखिम भी है?
हालांकि बाजार में तेजी आई है, लेकिन कुछ संभावित जोखिम भी बने हुए हैं:
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अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता (जैसे US फेड की दरों में बदलाव)
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कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव
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मॉनसून की स्थिति – खासकर कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए
📣 विशेषज्ञों की राय
डॉ. समीर पाटिल (मुख्य अर्थशास्त्री, BSE Institute):
"यह कदम बाजार और आम नागरिक – दोनों के लिए फायदेमंद है। परंतु निवेशकों को सतर्कता के साथ आगे बढ़ना चाहिए।"
निधि वर्मा (सीनियर इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंट, Motilal Oswal):
"यह एक स्ट्रक्चरल सुधार है। ब्याज दरों में गिरावट लंबे समय तक निवेश को बढ़ावा दे सकती है।"
🏁 निष्कर्ष
RBI की रेपो रेट में 0.5% की कटौती ने न सिर्फ लोन लेने वालों को राहत दी है, बल्कि शेयर बाजार में विश्वास का माहौल भी तैयार किया है। यह कदम देश की आर्थिक गति को नया बल देने में सहायक हो सकता है। हालांकि, निवेशकों को सोच-समझकर कदम उठाने की आवश्यकता है।
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