दर्शकों के फीडबैक, जानें कैसी है ‘राणा नायडू सीजन 2’
Published on: |June 14, 2025 Author: Ashish Kudal frd
Rana Naidu Season 2 Review: जब किसी सीरीज में परिवार, बदला और राजनीति जैसी चीजें एक साथ आ जाएं, तो दर्शकों की उम्मीदें अपने आप बढ़ जाती हैं। नेटफ्लिक्स की नई पेशकश ‘राणा नायडू सीजन 2’ भी कुछ ऐसी ही उम्मीदों के साथ आई है।
सीरीज की कहानी (बिना स्पाॅइलर)
राणा नायडू (राणा दग्गुबाती) का बेटा किडनैप हो जाता है, और राणा फिर से उसी अंधेरे और खतरनाक दुनिया में लौट आता है, जिससे वो दूर जाना चाहता था। इस बार कहानी में नए विलेन रऊफ मिर्जा (अर्जुन रामपाल) की एंट्री हुई है, जो राणा से भी खतरनाक है और राणा से पुराना बदला लेना चाहता है। सीरीज की कहानी गोवा से निकलकर मुंबई के अंडरवर्ल्ड, क्रिकेट, फिल्म इंडस्ट्री और राजनीति की गलियों तक जाती है।
कैसी है एक्टिंग?
राणा दग्गुबाती ने फिर से साबित कर दिया कि यह किरदार उनके लिए ही बना है। उनके एक्सप्रेशन्स और इमोशन्स काफी दमदार लगे हैं। वेंकटेश दग्गुबाती इस बार थोड़ा कम नजर आए, लेकिन जब भी आए, छा गए। अर्जुन रामपाल ने जबरदस्त विलेन का रोल निभाया है। वह हीरो जितने ही खतरनाक, स्टाइलिश और डरावने लगे। सुरवीन चावला, कृति खरबंदा, सुशांत सिंह और अभिषेक बनर्जी भी अपने-अपने रोल में फिट बैठे हैं।
डायरेक्शन और टेक्निकल बातें
इस बार गालियों और ओवर वल्गैरिटी को कंट्रोल किया गया है, जिससे फैमिली ऑडियंस भी इसे देख सकती है। डायरेक्शन बेहतर है और सिनेमैटोग्राफी भी काफी बढ़िया है। हालांकि, मुंबई की पहचान थोड़ी धुंधली-सी लगती है। एडिटिंग फास्ट है और सीरीज में बोरियत महसूस नहीं होती।
कमजोरियां क्या हैं?
कुछ कैरेक्टर जैसे राजेश जायस और तनुज विरवानी के रोल अधूरे से लगते हैं। बाद के कुछ एपिसोड्स में कहानी थोड़ी-बहुत भटकती है। सीरीज में सस्पेंस की भी कमी मेहसूस होती है। फैमिली ड्रामा और एक्शन के बीच संतुलन कभी-कभी बिगड़ता है।
देखनी चाहिए या नहीं?
‘राणा नायडू सीजन 2’ पहले सीजन से एक्शन के मामले में कहीं बेहतर है, लेकिन सस्पेंस के मामले में थोड़ा पीछे है। अगर आपने पहला सीजन देखा था और पसंद किया था, तो यह दूसरा सीजन भी आपको निराश नहीं करेगा। एक्शन, ड्रामा और दमदार एक्टिंग के साथ यह एक एंटरटेनिंग पैकेज है।
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