अंतर्राष्ट्रीय फैमिली थैरेपिस्ट का संदेश: सिर्फ ताकतवर दिखाना नहीं, रिश्तों में जुड़ाव भी जरूरी
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By kyonyaar Desk | Updated: May 25, 2025
आज के दौर में पारंपरिक मर्दानगी के मायने बदल रहे हैं। जहां पहले पुरुषों से केवल ताकतवर और सख्त बने रहने की उम्मीद की जाती थी, वहीं अब परिवार और रिश्तों की असली ताकत समझदारी और भावनात्मक जुड़ाव में निहित है। अंतर्राष्ट्रीय फैमिली थैरेपिस्टों का मानना है कि मर्दानगी के परंपरागत नुस्खों को छोड़कर पुरुषों को अपने परिवार के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ना सीखना होगा, तभी वे स्वस्थ और मजबूत रिश्ते बना पाएंगे।
मर्दानगी का नया अर्थ: ताकत से जुड़ाव की ओर
परंपरागत समाज में मर्दानगी का मतलब अक्सर सख्ती, भावनाओं का दबाव, और खुद को कमजोर न दिखाना माना गया। इससे पुरुष खुद को अकेला और अपनी भावनाओं से कटाव महसूस करने लगे। विशेषज्ञ बताते हैं कि इस परिपाटी ने पुरुषों को न केवल अकेला किया है, बल्कि उनके रिश्तों और परिवारों को भी नुकसान पहुंचाया है।
आज की रिसर्च और थैरेपी में यह साफ हो गया है कि भावनाओं को समझना और उन्हें व्यक्त करना मर्दानगी की सबसे बड़ी ताकत है। परिवार में जुड़ाव, संवाद, और समझदारी पुरुषों को न केवल बेहतर साथी बनाती है, बल्कि बच्चों के लिए भी मजबूत रोल मॉडल साबित होती है।
रिश्तों को कमजोर करने वाले पुरानी सोच के कारण
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भावनाओं की अनदेखी: पुरुष अक्सर अपने ग़ुस्से, चिंता, और असुरक्षा को दबाने की कोशिश करते हैं, जिससे तनाव बढ़ता है।
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अकेलेपन का अनुभव: भावनाओं को साझा न करने से अंदर की बेचैनी और दूरी बढ़ती है।
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संचार का अभाव: बिना खुलकर बात किए रिश्ते कमजोर होते हैं, जिससे गलतफहमियां जन्म लेती हैं।
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परिवार में असंतुलन: मर्दानगी को केवल सशक्तता मानकर परिवार की आवश्यक भावनात्मक जरूरतों को नजरअंदाज करना रिश्तों को प्रभावित करता है।
फैमिली मैन बनें: भावनाओं को समझें और व्यक्त करें
अंतर्राष्ट्रीय थैरेपिस्ट सलाह देते हैं कि पुरुषों को चाहिए कि वे केवल 'ताकतवर' बनने की बजाय एक 'फैमिली मैन' की भूमिका अपनाएं। इसका मतलब है:
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भावनात्मक जागरूकता: अपनी और अपने परिवार की भावनाओं को पहचानें।
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संवाद स्थापित करना: खुलकर बात करें, सुनें और समझें।
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सहानुभूति और समर्थन: परिवार के सदस्यों के लिए सहानुभूति रखें और भावनात्मक समर्थन दें।
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लचीलापन दिखाएं: जरूरत पड़ने पर अपनी सोच और व्यवहार में बदलाव करें।
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समान जिम्मेदारी लें: घर और परिवार की जिम्मेदारी साझा करें।
कैसे बनें एक बेहतर फैमिली मैन?
1. भावनाओं को दबाएं नहीं, समझें और शेयर करें
अपने मन की भावनाओं को छुपाने की बजाय उन्हें समझने और व्यक्त करने का अभ्यास करें। इसका मतलब है जब आप दुखी या परेशान हों तो उसे अपने परिवार के साथ बांटें।
2. सुनने की कला सीखें
अच्छा परिवारिक संबंध संवाद पर निर्भर करते हैं। परिवार के सदस्यों की बातें ध्यान से सुनें और उन्हें समझने की कोशिश करें।
3. गुस्से और तनाव को स्वस्थ तरीके से प्रबंधित करें
गुस्सा आना स्वाभाविक है, लेकिन उसे नियंत्रण में रखना जरूरी है। योग, मेडिटेशन, और श्वास तकनीकों की मदद से तनाव को कम करें।
4. बच्चों के साथ समय बिताएं
अपने बच्चों के साथ खेलें, उनकी बात सुनें और उन्हें सपोर्ट करें। इससे आप उनके जीवन में एक भरोसेमंद दोस्त की भूमिका निभाएंगे।
5. परिवार के लिए उपलब्ध रहें
काम की व्यस्तता के बावजूद परिवार के लिए समय निकालना प्राथमिकता बनाएं।
निष्कर्ष
मर्दानगी का मतलब केवल शारीरिक या मानसिक ताकत नहीं, बल्कि भावनात्मक समझदारी और जुड़ाव भी है। आज के पुरुषों के लिए जरूरी है कि वे 'फैमिली मैन' बनें, जो केवल अपने लिए नहीं, बल्कि अपने परिवार के लिए भी संवेदनशील और जिम्मेदार हों। ऐसे पुरुष परिवार में प्यार, विश्वास, और सुरक्षा का माहौल बनाते हैं, जो रिश्तों को सुदृढ़ और खुशहाल बनाता है।
अगर आप अपने रिश्तों को मजबूत बनाना चाहते हैं तो आज ही इस सोच को अपनाएं और एक नए, बेहतर मर्दानगी के मार्ग पर कदम बढ़ाएं।
आपका परिवार, आपकी ताकत है। उससे जुड़िए, समझिए, और रिश्तों को संवारिए।
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