निवेश में भारी उछाल,रिकॉर्ड निवेश घोषणाएं
"मार्च तिमाही में निवेश का बूम... नए प्रोजेक्ट की घोषणाएं रिकॉर्ड स्तर पर"
मुख्य बिंदु:
* रिकॉर्ड निवेश घोषणाएं: मार्च 2025 की तिमाही में भारत में नई परियोजनाओं की घोषणाएं रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के अनुसार, इस दौरान कुल 18.7 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की घोषणा हुई।
* इन्वेस्टमेंट समिट का प्रभाव: महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में हुए इन्वेस्टमेंट समिट और बुनियादी ढांचे के विस्तार ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
* बिजली क्षेत्र में सर्वाधिक निवेश: बिजली क्षेत्र में सबसे अधिक 8.8 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की घोषणा हुई, जो विनिर्माण क्षेत्र के 6.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। यह वृद्धि दिसंबर तिमाही के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा है।
* सरकारी प्रोजेक्ट में भारी वृद्धि: सरकारी क्षेत्र में परियोजनाओं की घोषणाएं तिमाही आधार पर 287% बढ़कर 5.8 लाख करोड़ रुपये हो गईं। निजी क्षेत्र में यह 89% बढ़कर 12.9 लाख करोड़ रुपये हुई।
* विशेषज्ञों की राय: विशेषज्ञों के मुताबिक, सरकारी खर्च में वृद्धि और कंपनियों के बढ़ते आत्मविश्वास से निवेश बढ़ रहा है।
* क्षमता उपयोग दर: हालांकि, उद्योगों की क्षमता उपयोग दर 75% से कम बनी हुई है, जिससे उत्पादन विस्तार की गति प्रभावित हो सकती है।
* मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में उछाल: एचएसबीसी का इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) मार्च में 58.1 रहा, जो फरवरी में 56.3 था। यह 8 महीने का उच्चतम स्तर है। बेहतर मांग से फैक्टरी ऑर्डर और प्रोडक्शन में वृद्धि के चलते मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बड़ा उछाल आया है।
तालिकाएं और डेटा:
* किस सेक्टर में कितना निवेश घोषित:
* बिजली: दिसंबर 24 - 2.0 लाख करोड़ रुपये, मार्च 25 - 8.8 लाख करोड़ रुपये
* विनिर्माण: दिसंबर 24 - 4.9 लाख करोड़ रुपये, मार्च 25 - 6.3 लाख करोड़ रुपये
* सर्विस (वित्तीय सेवा के अलावा): दिसंबर 24 - 1.1 लाख करोड़ रुपये, मार्च 25 - 3.0 लाख करोड़ रुपये
* खनन: दिसंबर 24 - 0.0 लाख करोड़ रुपये, मार्च 25 - 0.1 लाख करोड़ रुपये
* निर्माण-रियल एस्टेट: दिसंबर 24 - 0.3 लाख करोड़ रुपये, मार्च 25 - 0.4 लाख करोड़ रुपये
* सरकारी बनाम निजी निवेश:
* सरकारी: निवेश - 5.8 लाख करोड़ रुपये, वृद्धि - 287%
* निजी: निवेश - 12.9 लाख करोड़ रुपये, वृद्धि - 89%
* कुल प्रोजेक्ट: 18.7 लाख करोड़ रुपये
अतिरिक्त जानकारी:
* लेख में सीएमआईई के आंकड़ों का हवाला दिया गया है, जो एक विश्वसनीय आर्थिक डेटा स्रोत है।
* इन्वेस्टमेंट समिट्स और बुनियादी ढांचे के विकास को निवेश में वृद्धि के प्रमुख कारकों के रूप में पहचाना गया है।
* मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में सुधार सकारात्मक आर्थिक संकेत है, जो उत्पादन में वृद्धि और नए ऑर्डर को दर्शाता है।
निष्कर्ष:
यह लेख भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश के सकारात्मक रुझान को दर्शाता है, खासकर बिजली और विनिर्माण क्षेत्रों में। हालांकि, उद्योगों की क्षमता उपयोग दर पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि उत्पादन विस्तार की गति को बनाए रखा जा सके।
संक्षेप में, यह लेख भारत में निवेश के बढ़ते स्तर और आर्थिक गतिविधियों में तेजी को दर्शाता है, जो देश के विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
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