ट्रंप के खिलाफ अमेरिका सड़कों पर
ट्रंप पर गुस्सा फूटा — अमेरिका की सड़कों पर लहराया विरोध का सैलाब
1200 शहरों में प्रदर्शन | महंगाई और मंदी के खिलाफ जनसैलाब | ट्रंप प्रशासन पर तीखा हमला
वाशिंगटन | न्यूयॉर्क टाइम्स रिपोर्ट अनुसार
महंगाई, बेरोजगारी और मंदी की आहट से चिंतित लाखों अमेरिकी नागरिक सड़कों पर उतर आए। अमेरिका के सभी 50 राज्यों के 1200 से अधिक शहरों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन हुए।
प्रदर्शन के प्रमुख मुद्दे:
आर्थिक अस्थिरता
टैक्स और ट्रेड पॉलिसी के प्रभाव
बेरोजगारी और बाजार में गिरावट
मध्यम वर्ग की क्रयशक्ति में कमी
प्रदर्शन में क्या खास रहा?
लॉस एंजेलेस में ट्रंप का विशाल गुब्बारा "बेबी ट्रंप" आकर्षण का केंद्र रहा।
युवा, महिलाएं, छात्र, वरिष्ठ नागरिक सभी एकजुट दिखे।
"स्टॉप ट्रंप", "नो टू महंगाई", "सेव आवर फ्यूचर" जैसे नारे गूंजे।
|ब्लूमबर्ग की चेतावनी:
|“अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट का खतरा मंडरा रहा है। विशेषज्ञों ने इसे 1987 की तरह के संकट की चेतावनी दी है।”
क्या ट्रंप प्रशासन संभाल पाएगा हालात?
जनता की नाराज़गी बढ़ती जा रही है। ट्रंप प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या वह देश की आर्थिक हालत को स्थिर कर पाएगा?
निचला तबका सबसे अधिक प्रभावित:
रोज़मर्रा की ज़रूरतों की कीमतें बढ़ी
सरकारी सहायता योजनाओं में कटौती
शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च में गिरावट
निष्कर्ष:
एक लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत उसकी जनता होती है — और अमेरिका की जनता ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि वह चुप नहीं बैठेगी। अगर नेतृत्व जनभावनाओं को अनदेखा करता है, तो विरोध की आवाज़ें तेज़ होती हैं — यही अमेरिका की सड़कों पर देखा गया।
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