5000 करोड़ की ठगी: दुबई यात्रा बनी सरकारी कर्मियों के लिए मुसीबत




 5000 करोड़ की ठगी: दुबई यात्रा बनी सरकारी कर्मियों के लिए मुसीबत

"ठगी नेटवर्क" से दुबई गए 9 राज्यों के सरकारी कर्मी नपेंगे

मुख्य बिंदु:

 * बड़ी धोखाधड़ी: लविश चौधरी (असली नाम नवाब अली) नाम के एक व्यक्ति ने लगभग 5,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। उसने क्रिप्टो और विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को ठगा।

 * वादा: उसने निवेशकों को हर महीने 25% तक रिटर्न का लालच दिया।

 * सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी: इस धोखाधड़ी में 9 राज्यों - मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, गुजरात और महाराष्ट्र के सरकारी कर्मचारी शामिल हैं।

 * दुबई यात्रा: लविश चौधरी ने अपने नेटवर्क का विस्तार करने वाले लोगों को, जिनमें सरकारी कर्मचारी भी शामिल थे, अपने खर्च पर दुबई की यात्रा कराई।

 * शर्त: उसने कहा कि जो लोग 10 लाख रुपये या उससे अधिक का निवेश करेंगे या दूसरों को निवेश कराएंगे, उन्हें मुफ्त में विदेश यात्रा कराई जाएगी।

 * गृह मंत्रालय की कार्रवाई: गृह मंत्रालय उन सभी सरकारी कर्मचारियों की पहचान कर रहा है जो बिना अनुमति के दुबई गए थे।

 * निवेश: इन सरकारी कर्मचारियों ने लगभग 200 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

 * पीड़ित पुलिसकर्मी का बयान: दिल्ली पुलिस में काम करने वाले एक पुलिसकर्मी ने अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि उसने अपने पिता की सेवानिवृत्ति के 50 लाख रुपये इस योजना में लगाए थे। अच्छा रिटर्न मिलने पर उसने अपने साथियों और रिश्तेदारों को भी इसमें शामिल किया। पिछले महीने से भुगतान बंद हो गया है और वे अपनी मूल रकम भी नहीं निकाल पा रहे हैं।

 * शिकायत करने में हिचकिचाहट: पीड़ित पुलिसकर्मी और अन्य लोग शिकायत दर्ज कराने से हिचकिचा रहे हैं क्योंकि उन्होंने अवैध माध्यमों से पैसा भेजा था और उन्हें जांच होने पर अपनी नौकरी खोने का डर है।

धोखाधड़ी का तरीका:

 * एजेंट का खुलासा: दैनिक भास्कर ने हरियाणा के एक एजेंट से संपर्क किया और निवेश के बहाने लविश चौधरी के ट्रेडिंग नेटवर्क के जरिए धोखाधड़ी के तरीकों का खुलासा किया।

 * निवेश प्रक्रिया: निवेश के लिए 34,000 रुपये की आवश्यकता थी। इसमें से 10,000 रुपये "बॉट सब्सक्रिप्शन" के लिए थे, जो स्वचालित रूप से विदेशी मुद्रा व्यापार करता था।

 * लाभ का दावा: एजेंट ने दावा किया कि बॉट हर महीने 5-7% का ब्याज देगा और 22-25 डॉलर का लाभ होगा, जिसमें से 17 डॉलर निवेशक के खाते में जमा होंगे।

 *न्यूनतम रिटर्न: 24,000 रुपये के निवेश पर हर महीने कम से कम 1,440 रुपये मिलने का दावा किया गया।

 * विश्वास पर आधारित: एजेंट ने कहा कि यह योजना विश्वास पर आधारित है और बड़े-बड़े उद्योगपति इससे पैसा कमा रहे हैं। उसने कुछ लोगों द्वारा दी गई मोटी रकम के दस्तावेज भी दिखाए।

 * सुरक्षा का दावा: एजेंट ने यह भी दावा किया कि दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस, नगर निगम और सीआरपीएफ के कई कर्मचारी और अधिकारी इस नेटवर्क से जुड़े हुए हैं, यह विश्वास दिलाने के लिए की यह सुरक्षित है।

सारांश:

यह समाचार लेख एक बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी का वर्णन करता है जिसमें सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं। धोखेबाजों ने निवेशकों को उच्च रिटर्न का लालच दिया और उन्हें दुबई की यात्राओं से लुभाया। अब, गृह मंत्रालय इस मामले की जांच कर रहा है और धोखाधड़ी में शामिल सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।

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