2025 में Social Media और Mental Health: एक अनदेखा लेकिन गहरा रिश्ता
2025 में Social Media और Mental Health: एक अनदेखा लेकिन गहरा रिश्ता
परिचय:
2025 में सोशल मीडिया हर उम्र के इंसानों की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका है। चाहे वो इंस्टाग्राम हो, फेसबुक, ट्विटर (अब X), या यूट्यूब — हम दिन का एक बड़ा हिस्सा इन पर बिताते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह हमारी मानसिक सेहत को कैसे प्रभावित करता है?
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इस ब्लॉग में हम बात करेंगे:
सोशल मीडिया और मानसिक स्वास्थ्य के बीच के गहरे रिश्ते की
इसके पीछे के साइकोलॉजिकल कारणों की
और कुछ ऐसे practical समाधान जिनसे हम अपने डिजिटल व्यवहार को सेहतमंद बना सकें
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सोशल मीडिया कैसे कर रहा है हमें मानसिक रूप से थका हुआ?
1. Comparison Trap:
हर दिन हम स्क्रीन पर दूसरों की ‘हाईलाइट रील’ देखते हैं और उसे अपनी ‘बिहाइंड द सीन’ लाइफ से तुलना करने लगते हैं। इससे self-esteem गिरती है और हम खुद को कमतर महसूस करने लगते हैं।
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2. Dopamine Addiction:
हर नोटिफिकेशन, हर लाइक, हर री-शेयर — दिमाग को छोटे-छोटे dopamine shots देता है। इससे हम धीरे-धीरे सोशल मीडिया के "rewards" के आदी हो जाते हैं और यह एक addiction बन जाता है।
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3. FOMO – Fear of Missing Out:
जब हम अपने दोस्तों को पार्टीज़, ट्रैवल या किसी नए ट्रेंड में शामिल होते देखते हैं, तो हमारे अंदर FOMO पैदा होता है, जो anxiety और depression की ओर ले जाता है।
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4. Troll Culture और Cyberbullying:
कमेंट सेक्शन या DMs में मिलने वाले नेगेटिव कमेंट्स और ट्रोलिंग से व्यक्ति का आत्मविश्वास बुरी तरह प्रभावित होता है। खासकर युवाओं पर इसका भारी प्रभाव पड़ता है।
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साइकोलॉजी क्या कहती है?
2022 में अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार:
सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग anxiety, depression, loneliness और नींद की समस्याओं से जुड़ा हुआ है।
हर 3 में से 1 युवा सोशल मीडिया के कारण खुद को "mental pressure" में पाता है।
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सकारात्मक पक्ष भी है, लेकिन संतुलन ज़रूरी है
सच ये भी है कि सोशल मीडिया awareness फैलाने, connect रहने, और inspiration पाने का बड़ा माध्यम है। लेकिन जैसे खाना ज़रूरी है पर ओवरईटिंग नुक़सानदेह होती है — वैसे ही सोशल मीडिया का overuse ज़हर बन सकता है।
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2025 में सोशल मीडिया से मानसिक स्वास्थ्य बचाने के 10 स्मार्ट टिप्स
Screen Time Limit सेट करें
हर ऐप में daily usage limit लगाएं
Digital Detox Days रखें
हफ्ते में एक दिन बिना सोशल मीडिया के बिताएं
Curated Following बनाएं
Negativity फैलाने वालों को unfollow करें, positivity फैलाने वालों को फॉलो करें
सोशल मीडिया break लें
जब लगे कि दिमाग थक गया है, तो 1 हफ्ते या 1 महीने का ब्रेक लें
Notifications बंद करें
बार-बार buzzing ध्यान और दिमाग दोनों को distract करता है
Offline दोस्तों से जुड़ें
Real-life बातचीत mental health के लिए बेहतर है
Mindful Scrolling करें
Passive scrolling से बचें, intentional content consume करें
Comparison नहीं Inspiration लें
लोगों की सफलता देखकर प्रेरणा लें, तुलना नहीं करें
अपना खुद का content शेयर करें
Authenticity confidence को बढ़ाता है
ज़रूरत हो तो Therapist से बात करें
अगर लग रहा हो कि सोशल मीडिया आपकी mental health पर भारी पड़ रहा है
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निष्कर्ष:
सोशल मीडिया का उपयोग पूरी तरह गलत नहीं है — लेकिन 2025 की भागती-दौड़ती दुनिया में इसे संतुलन में रखना ज़रूरी है।
ज़्यादा likes नहीं, ज़्यादा peace ज़रूरी है।
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लेखक:
Ashish
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